मोदी सरकार के कार्यकाल में वित्तीय वर्ष 2025 (FY2025) में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (PSUs) से डिविडेंड के रूप में रिकॉर्ड तोड़ राजस्व प्राप्त हुआ है। जो यह न केवल सरकार की वित्तीय स्थिति को मजबूत करता है, बल्कि देश के विकास और निवेश योजनाओं को भी गति प्रदान करता है। आइए हम इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
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Toggleमोदी सरकार: डिविडेंड का महत्व और FY2025 की उपलब्धि
70,000 करोड़ का डिविडेंड, यानी की लाभांश, वह राशि है जो कंपनियां अपने मुनाफे का हिस्सा अपने शेयरधारकों को वितरित करती हैं। जो कि केंद्र सरकार के लिए, PSUs से प्राप्त डिविडेंड एक महत्वपूर्ण गैर-कर राजस्व स्रोत है। FY2025 में, PSUs ने सरकार को लगभग 74,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया, जो बजट में संशोधित अनुमान 55,000 करोड़ रुपये से 34% अधिक है। यह पिछले वित्तीय वर्ष (FY2024) के 63,749 करोड़ रुपये के मुकाबले 16% अधिक है।
ऊर्जा क्षेत्र ने निभाई अहम भूमिका
FY2025 में ऊर्जा क्षेत्र की PSUs ने डिविडेंड देने में प्रमुख भूमिका निभाई।
कोल इंडिया (Coal India) ने सरकार को 10,252 करोड़ रुपये का डिविडेंड दिया, जो पिछले साल के 9,532 करोड़ रुपये से अधिक था।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने 10,002 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो FY2024 के 7,594 करोड़ रुपये से काफी अधिक था।
पेट्रोलियम क्षेत्र की कुल डिविडेंड राशि 22,146 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल के मुकाबले 14% अधिक है।
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मोदी सरकार की नई नीतियां और उनका असर
सरकार ने PSUs के लिए डिविडेंड भुगतान को लेकर सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं। DIPAM (Department of Investment and Public Asset Management) द्वारा जारी किए गए नियमों के अनुसार:
सभी PSUs को अपने मुनाफे का कम से कम 30% या शुद्ध संपत्ति का 4%, से जो भी अधिक हो, उसे डिविडेंड के रूप में देना होता है।
इन नीतियों ने PSUs को बेहतर प्रदर्शन करने और उच्च लाभांश देने के लिए प्रेरित किया है।
डिविडेंड से सरकार को क्या फायदा होगा?
राजकोषीय घाटा कम करने में मदद: उच्च डिविडेंड ने सरकार को अपने राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने में मदद की हैं। FY2025 में राजकोषीय घाटा GDP का 4.8% रहने का अनुमान जताया जा रहा है।
निवेश योजनाओं को बल: PSUs द्वारा दिए गए डिविडेंड को कंपनी ने सरकार की पूंजीगत व्यय (Capex) योजनाओं को समर्थन दिया। FY2025 में PSUs का कुल Capex लगभग 3.6 लाख करोड़ रुपये रहा और FY2026 में इसे 4.3 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने की योजना है।
मध्यम वर्ग को राहत: बजट 2025 में टैक्स स्लैब्स में बदलाव और आयकर छूट जैसे कदमों से मध्यम वर्ग को राहत दी गई। ऐसे में उच्च डिविडेंड ने इस राजस्व कमी की भरपाई की।
निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है?
PSUs का मजबूत प्रदर्शन न केवल सरकार बल्कि खुदरा निवेशकों के लिए भी फायदेमंद साबित हुआ।
FY2025 में PSUs के मुनाफे ने पहली बार 3.5 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया।
उच्च लाभांश ने इन कंपनियों को शेयर बाजार में आकर्षक बनाया और निवेशकों का भरोसा बढ़ाया।
भविष्य की संभावनाएं
सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष (FY2026) के लिए PSUs से 69,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड लक्ष्य रखा है। इसके अलावा, PSUs का Capex बढ़ाकर देश में बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन पर जोर दिया जाएगा। यह कदम भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगा।
निष्कर्ष
मोदी सरकार द्वारा FY2025 में PSUs से रिकॉर्ड तोड़ डिविडेंड प्राप्त करना एक बड़ी उपलब्धि है। यह न केवल सरकारी खजाने को भरने में मददगार रहा है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति और विकास योजनाओं को भी मजबूती प्रदान करता है। ऊर्जा क्षेत्र और अन्य प्रमुख PSUs का योगदान इस सफलता की कहानी का मुख्य आधार रहा है। आने वाले वर्षों में यह रुझान भारत की अर्थव्यवस्था और निवेशकों दोनों के लिए सकारात्मक साबित होगा।
डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग केवल जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से लिखा गया है। यह कोई एक्सपर्ट की राय नहीं है| क्योंकि शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपनी खुद की रिसर्च जरूर करें या किसी वित्तीय सलाहकार से संपर्क करना न भूलें।